Haryana News : हनीट्रैप के मामले में गैंगरेप के मामले की एंट्री जांच के बाद होगा खुलासा मामला है क्या
सत्य ख़बर, पानीपत ।
पानीपत में जिस महिला को पुलिस ने हनीट्रैप के केस में पकड़ा, उसमें अब गैंगरेप की एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने इस मामले में महिला पर हनीट्रैप का केस कराने वाले सरपंच, उसके मामा और दोस्त को नामजद किया है।
महिला पहले दिन से ही आरोप लगा रही थी कि उसका गैंगरेप हुआ है। अब मेडिकल जांच में भी रेप की पुष्टि हो चुकी है। आरोपी सरपंच करनाल में घरौंडा के एक गांव का रहने वाला है। उसकी अगले महीने जनवरी में शादी भी है।
पानीपत पुलिस के मुताबिक गैंगरेप गुरुग्राम में हुआ, इसलिए जीरो एफआईआर दर्ज कर वहां भेज दी गई है। बता दें कि 2 दिन पहले जेल में बंद महिला की तबीयत खराब हो गई थी। दौरा पड़ने के बाद बेहोश हो गई। जेल में प्राथमिक उपचार से जब वह ठीक नहीं हुई तो उसे सिविल अस्पताल लाया गया।
जहां उसने डॉक्टरों को गैंगरेप होने, पुलिस द्वारा उसकी बात न सुनने और हनीट्रैप मामले में फंसाने की बात बताई। महिला का आरोप है कि उससे जबरदस्ती 3 लाख उठवाए गए।
महिला ने पुलिस को दी शिकायत में बताया है कि मेरे साथ 3 लोगों ने गैंगरेप किया है। वह इसकी शिकायत लिखवाने मॉडल टाउन थाने में गई थी, लेकिन वहां उसकी शिकायत लिखने से मना कर दिया। पुलिस ने कहा था कि जहां रेप हुआ है, वहीं के थाने में जाकर शिकायत दो।
मेरे साथ घरौंडा के एक गांव के सरपंच, उसके मामा व उसके दोस्त ने रेप किया है। 21 दिसंबर को उसके पास सरपंच का फोन आया। जिसने कहा कि उसे गुरुग्राम पार्टी में जाना है। मैंने हामी भरी और उनके साथ चली गई। गुरुग्राम के ए-वन नाम के होटल में उसे ले जाया गया था। जहां उसके साथ तीनों ने रेप किया।
पानीपत पुलिस को सरपंच ने ही हनीट्रैप केस में फंसाने को कहा था। जिसके बाद पुलिस ने मुझे घर से शिकायत के नाम से थाने ले जाने के लिए उठाया। रात 10 बजे से सुबह 4 बजे तक मुझे बाहर गाड़ी में बैठाए रखा। पुलिस ने मुझे पैसे के लेन-देन से संबंधित कागजों पर हस्ताक्षर करने को कहा था। मैंने साइन नहीं किए।
अगली सुबह पुलिसवाले मेरे कमरे में आए। मेरे सामने पैसे रख कर कहा कि इन पैसों को उठा। मैंने मना कर दिया, तो पुलिस ने मेरे साथ जबरदस्ती की। मुझसे जबरन पैसे उठवाए। इसके बाद मुझ पर पैसे के लेन-देन का आरोप लगाया और झूठे केस में जेल डलवा दिया।
महिला का कहना है कि ये पैसे सरपंच ने ही पुलिस वालों को दिए थे। पैसों के लेन-देन के पेपर पर साइन न करने पर सीआईए स्टाफ में रिमांड लेने की भी धमकी दी। मुझे पुलिसवालों ने और सरपंच ने मिलकर झूठे केस में फंसाया है। पुलिस ने ही जबरदस्ती मेरे कमरे में पैसे रख कर उठवाए हैं। मेरे फोन में सारे सबूत हैं। मुझे इंसाफ चाहिए।
हनीट्रैप मामले में पुराना औद्योगिक थाना एसएचओ इंस्पेक्टर देवेंद्र कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। उस दौरान महिला को भी लाया गया था। यहां महिला ने मीडिया कर्मियों को देखा, तो उसने चीखना शुरू कर दिया। उसने कहा कि उसके साथ गलत हुआ है, पुलिस उसे फंसा रही है। उसके साथ गैंगरेप हुआ है, लेकिन पुलिस ने जबरदस्ती उसके कमरे में पैसे रखकर उसे फंसा दिया है।
महिला ने चीखते हुए ये भी कहा था कि पुलिस न ही उसकी शिकायत ले रही और न उसका मेडिकल करवा रही है। जिस अजय नाम के युवक को उसका दलाल बता कर गिरफ्तार किया है, वह उसे जानती तक नहीं।
पुलिस ने महिला को कोर्ट में पेश कर सिवाह स्थित जिला जेल में भेज दिया था। यहां भी महिला ने जेल के अधिकारियों को कहा कि उसे पुलिस ने नाजायज फंसाया है। उसने कुछ नहीं किया है। करीब दो दिन बाद महिला की जेल में तबीयत बिगड़ने लगी। 27 दिसंबर को दौरा पड़ने के बाद वह बेहोश हो गई। इसके बाद उसे इलाज के लिए सिविल अस्पताल लाया गया। जहां उसे डॉक्टरों ने भर्ती कर लिया।
सिविल अस्पताल पहुंचने के बाद महिला ने यहां डॉक्टरों को कहा कि उसके साथ गैंगरेप हुआ है, लेकिन पुलिस न ही उसकी शिकायत ले रही और न ही उसका मेडिकल करवा रही है। इसके बाद डॉक्टरों ने पुलिस से बात की। साथ ही उच्च अधिकारियों को भी इस बारे में बताया।
हालांकि पुलिस ने फिर मेडिकल करवाने से मना कर दिया था, लेकिन महिला रोती रही और आपबीती बताती रही। 28 दिसंबर शनिवार को पुलिस को महिला की माननी ही पड़ी और उसके बयान लेकर केस दर्ज कर लिया। इसके बाद महिला की अस्पताल से छुट्टी हुई और उसे वापस जेल ले जाया गया।
सरपंच ने यह कहानी बताई थी…
पुलिस को दी शिकायत में सरपंच ने बताया था कि वह करनाल में घरौंडा का रहने वाला है। इंस्टाग्राम पर करीब 2 महीने पहले उसकी दोस्ती एक महिला से हुई थी। कुछ ही दिन बाद वह पानीपत के सेक्टर-18 स्थित एक रेस्टोरेंट में मिले, जहां उन्होंने चाय पी। इसके बाद महिला ने कहा कि उसे कहीं बाहर ले चलो। वह बार-बार ऑफर देती रही।
21 दिसंबर को सरपंच पानीपत के रहने वाले अपने एक दोस्त के साथ कार से गुरुग्राम जा रहा था। इसी दौरान रास्ते में उसे महिला का फोन आया। महिला कह रही थी कि वह भी गुरुग्राम घूमना चाहती है। इसके बाद वे गुरुग्राम चले गए। गुरुग्राम पहुंचने में उन्हें समय लग गया और क्लब बंद हो गए। सरपंच ने अपने एक अन्य दोस्त को बुलाया और मेदांता के पास किराए के कमरे में रात काटने महिला के साथ चला गया। वहां उन्होंने सहमति से शारीरिक संबंध बनाए।
इसके बाद 22 दिसंबर की सुबह वह गुरुग्राम से पानीपत के लिए निकले। वापस आते समय उसने गाड़ी में CNG भराई। तभी महिला ने मौका पाकर अपनी एक सहेली और एक युवक को पानीपत टोल प्लाजा पर बुला लिया। वे टोल पर पहुंचे तो महिला के साथी 2 लड़कों ने उनकी कार के आगे अपनी कार अड़ा दी। महिला ने अपनी सहेली को उसकी कार में बैठा लिया। दोनों लड़कों ने उसकी कार की चाबी छीन ली। इसके बाद वे उसे मॉडल टाउन थाने ले गए, जहां महिला ने एक अन्य युवक को फोन किया।
इसके बाद उन युवकों ने सरपंच के खिलाफ रेप केस दर्ज कराने की धमकी दी। ऐसा न करने के बदले में 10 लाख रुपए की मांग की। सरपंच ने डर से अपने 2 दोस्तों को वहां बुलाया। फिर महिला के दोस्त ने उसके दोस्तों से 10 लाख रुपए की डिमांड की। उनके बीच 8 लाख रुपए में समझौता हुआ।
सरपंच के दोस्त ने महिला के दोस्त के नंबर पर 1 लाख रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए। साथ ही महिला और उसकी सहेली को 4 लाख रुपए कैश दे दिए। रुपए लेते ही दोनों युवतियां बिना किसी तरह की शिकायत या रिपोर्ट दर्ज कराए थाने से भाग गईं।
इसके बाद सरपंच को लगा कि उसे हनीट्रैप में फंसाया गया है। आरोपियों ने उससे 5 लाख रुपए ले लिए थे। बाकी 3 लाख रुपए 22 दिसंबर को देने का इकरारनामा हुआ था। उससे पहले सरपंच ने पुलिस को शिकायत दे दी।